कार्यक्रम और योजनाएं

राज्य योजनाएं तथा केन्द्र प्रवर्तित योजनाएं

  • राज्य योजनाएं

राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल प्रदाय योजनाओं का क्रियान्वयन राज्य योजनाओं के अंतर्गत किया जाता है । इसके अंतर्गत ग्रामीण पेयजल प्रदाय के वे कार्य जो राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम में सम्मिलित नहीं होते हैं, का क्रियान्वयन राज्य योजनाओं के अंतर्गत किया जा रहा है ।
राज्य के नगरीय निकायों में पेयजल प्रदाय योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए राज्य मद से अनुदान की राशि प्रदान की जाती है।

1.ग्रामीण पेयजल प्रदाय

(अ) हैण्डपम्प योजनाएं:
प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के बसाहटों एवं शासकीय शालाओं में नलकूप खनन उपरांत हैंडपंप स्थापित कर शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने हैण्डपंप योजनाओं का क्रियान्वयन राज्य मद से किया जाता है।
(ब) ग्रामीण नलजल प्रदाय योजनाएं :
प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की आपूर्ति के लिए नलजल प्रदाय योजनाओं का क्रियान्वयन राष्ट्रीय ग्रामीण कार्यक्रम के अतिरिक्त राज्य मद से भी किया जाता है। नलजल प्रदाय योजनाओं के अंतर्गत पाईप लाईन एवं उच्चस्तरीय टंकी के माध्यम से घरेलू कनेक्शन द्वारा पेयजल की आपूर्ति की जाती है।
नलजल प्रदाय योेजनाओं के अतिरिक्त मझौले ग्राम अथवा ऐसे ग्राम जहाँ पेयजल स्रोत का जलस्तर नीचे हो अथवा निर्मित जल स्रोत पीने योग्य न हो, वहाँ दूर स्थित स्रोत से पाईप लाईन द्वारा ग्राम/बसाहट में निवासरत् जनसमुदाय/परिवार/व्यक्ति को पेयजल उपलब्ध कराने हेतु नलजल प्रदाय योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाता रहा है ।
एकल नलजल प्रदाय योजनाओं के अतिरिक्त ऐसी बसाहटें जहां पर्याप्त मात्रा में भूगर्भीय जल स्रोत उपलब्ध नहीं है अथवा प्राप्त भूजल की गुणवत्ता प्रभावित है, में ग्रामों के समूहों के लिए सतही स्रोतों पर आधारित समूह नलजल योजनाएं भी क्रियान्वित की जा रही हैं।

2. नगरीय जल प्रदाय योजनाएं

नगरीय जलप्रदाय योजनाओं के सर्वेक्षण, रूपांकन एवं क्रियान्वयन का कार्य स्थानीय निकायों की माँग एवं सहमति पर विभाग द्वारा किया जाता है। इन योजनाओं का वित्तीय ढांचा 70 प्रतिशत शासकीय अनुदान एवं 30 प्रतिशत नगरीय निकायों को ऋण के रूप में होती है। संचालन एवं संधारण का कार्य संबंधित नगरीय निकाय द्वारा किया जाता है।

  • केंद्र प्रवर्तित/पोषित योजनाएं

केन्द्रीय वित्त पोषण पर पेयजल एवं संबंधित अन्य योजनाओं का क्रियान्वयन विभाग द्वारा किया जा रहा है। विभाग में संचालित केन्द्र प्रवर्तित/पोषित योजनाओं का विवरण निम्ननुसार हैः-

  • राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रमः

ग्रामीण पेयजल आपूर्ति के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा वर्ष 2009-10 से ग्रामीण पेयजल नीति में परिवर्तन किया जाकर पूर्व संचालित ‘‘गतिवर्धित ग्रामीण जलप्रदाय कार्यक्रम’’ के स्थान पर ”राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम“ प्रारंभ किया गया है। कार्यक्रम के अंतर्गत प्रत्येक वर्ष घटक-वार कार्ययोजना तैयार कर अनुमोदन प्राप्त किया जाता है। वित्तीय वर्ष के लिए अनुमोदित कार्ययोजना पर प्राप्त आबंटन अनुसार लक्ष्यों का निर्धारण कर क्रियान्वयन किया जाता है। राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम का क्रियान्वयन मुख्यतः तीन मदों में क्रियान्वित किया जाता है, जो निम्नानुसार है:-

(अ) कार्यक्रम मद:- योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु इस मद में राशि प्राप्त होती है।
(ब) सपोर्ट मद:- योजनाओं के प्रचार-प्रसार, जन-जागरूकता एवं अन्य सहायक गतिविधियों के लिए इस मद में राशि प्राप्त होती है।
(स) जल गुणवत्ता अनुश्रवण एवं निगरानी:- इस मद में पेयजल गुणवत्ता के परीक्षण से संबंधित समस्त कार्य हेतु राशि प्राप्त होती है।

(अ) कार्यक्रम मद:- इस मद के अंतर्गत 4 घटक हैं, जो निम्नानुसार हैः-

अ-1 कव्हरेज:
राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के अंतर्गत इस घटक के लिये उपलब्ध कुल राशि का 47 प्रतिशत निर्धारित है। इस घटक के अंतर्गत बसाहटों में जहां पेयजल आपूर्ति अपेक्षित मात्रा से कम है, वहां अतिरिक्त पेयजल प्रदाय का कार्य किया जाना हैै।
इस घटक हेतु केन्द्रांश एवं राज्यांश का अनुपात 50ः50 निर्धारित है।
नलजल प्रदाय योजनाओं के क्रियान्वयन में निर्मल ग्राम पुरस्कार से सम्मानित पंचायतों को प्रथम प्राथमिकता दी जाती है।

अ-2 जल गुणवत्ता

राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के अंतर्गत इस घटक हेतु कुल वार्षिक आवंटन में से 20 प्रतिशत राशि नियत है। केन्द्रांश एवं राज्यांश का अनुपात 50: 50 नियत है। इस घटक के अंतर्गत गुणवत्ता से प्रभावित बसाहटों के स्रोतों के जल के शोधन उपरांत अथवा वैकल्पिक व्यवस्था कर पेयजल की गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुऐ स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति के लिए प्रगतिरत् कार्यों के अतिरिक्त निम्नानुसार नये कार्य प्रस्तावित किये गये हैं:-

  • समूह नलजल प्रदाय योजना
  • स्टेण्ड एलोन वाटर प्यूरिफिकेशन सिस्टम की स्थापना का कार्य

अ-3 संचालन एवं संधारण

ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित पेयजल योजनाओं (हैंडपंप, नलजल प्रदाय एवं स्थल जल प्रदाय योजनाओं) के संचालन एवं संधारण कार्यक्रम हेतु कुल प्रावधानित वार्षिक निधि का अधिकतम 15 प्रतिशत राशि निर्धारित है। इस घटक में भी केन्द्रांश एवं राज्यांश का अनुपात 50: 50 है।

ग्रामीण क्षेत्रों में क्रियान्वित नलजल प्रदाय योजना एवं स्थल जल प्रदाय योजनाओं के संधारण के लिए स्वीकृत मापदण्ड अनुसार क्रमशः रू. 15000.00 एवं रू. 5000.00 के वार्षिक अनुदान ग्राम पंचायतों को प्रदान करने का प्रावधान है।

अ-4 निरंतरता (सस्टेनेबिलिटी)

ग्रामीण क्षेत्रों में उपलब्ध पेयजल श्रोत एवं योजनाओं की निरंतरता बनाये रखने हेतु भूजल संवर्धन, वर्षा जल संचयन/संग्रहण, भू-जल श्रोत के अतिरिक्त सतही श्रोत का निर्माण इत्यादि कार्यों हेतु कार्यक्रम के कुल वार्षिक प्रावधान का 10 प्रतिशत राशि (अधिकतम) निर्धारित है। इस घटक के लिए केन्द्रांश एवं राज्यांश का अनुपात 60: 40 है।

(ब) सपोर्ट मद

राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के अंतर्गत चल रही योजनाओं को गति प्रदान करने एवं साफ्टवेयर गतिविधियों जैसे सूचना, शिक्षा, संचार, क्षमता वृद्धि आदि में सहायता के उददे्श्य से सहायक कार्यों का प्रावधान किया गया है। इनके अंतर्गत जल गुणवत्ता अनुश्रवण एवं निगरानी कार्य, जल परीक्षण, प्रयोगशाला स्थापना, अनुसंधान एवं विकास गतिविधियां, प्रशिक्षण, सेमिनार के साथ-साथ संचार एवं क्षमता विकास के कार्य एवं मैनेजमेन्ट इनफाॅर्मेशन सिस्टम (सूचना प्रौद्योगिकी आधारित) आदि के कार्य संपादित किये जाते हैं। सहायता संबंधी कार्यांे हेतु 5 प्रतिशत राशि निर्धारित है। जल गुणवत्ता अनुश्रवण एवं निगरानी कार्य की महत्ता को देखते हुए 3 प्रतिशत राशि इस कार्य के लिए निर्धारित की गई है, दोनों मदों में कुल 8 प्रतिशत राशि प्रावधानित है।

सहायक गतिविधिया

राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम(NRDWP) के अंतर्गत की जाने वाली सहायक गतिविधियों हेतु निर्धारित प्रावधानित राशि 5% अंतर्गत निम्नानुसार गतिविधिया प्रस्तावित हैं -

  • सूचना शिक्षा एवं संचार गतिविधियां:
  • समुदायिक सहभागिता एवं प्रशिक्षण:
  • मैनेजमेन्ट इनफार्मेशन सिस्टम एवं अन्य सहायक गतिविधियाॅ:

राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के अंतर्गत सहायक गतिविधियों में अन्य बातों के अतिरिक्त ग्रामीण स्तर पर समुदाय को पेयजल एवं स्वच्छता से संबंधित जानकारी, जागरूकता एवं उनकी सहभागिता पर विशेष ध्यान दिया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में गुणवत्ता युक्त सुरक्षित जल प्रदाय के लिए नलजल योजनाओं के माध्यम से घरेलू नल कनेक्शन द्वारा जलप्रदाय को प्राथमिकता दी जानी है ।

(स) जल गुणवत्ता अनुश्रवण एवं निगरानी

राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम (NRDWP) के अंतर्गत की जाने वाली जलगुणवत्ता अनुश्रवण एवं निगरानी के कार्य हेतु निर्धारित प्रावधानित राशि 3% अंतर्गत निम्नानुसार गतिविधियाॅ प्रस्तावित हैं -
प्रदेश में स्थापित पेयजल श्रोतों का फील्ड टेस्ट किट एवं पेयजल परीक्षण प्रयोगशालाओं के माध्यम से जल परीक्षण का कार्य। राज्य स्तरीय, उपखण्ड स्तरीय नवीन प्रयोगशालाओं की स्थापना एवं प्रयोगशालाओं का उन्नयन का कार्य। नये फील्ड टेस्ट किट प्रदाय के साथ पूर्व प्रदायित फील्ड टेस्ट किट के लिए आवश्यक रिफिल प्रदाय एवं ग्राम स्तर पर जल परीक्षण हेतु ग्रामीणों को प्रशिक्षण का कार्य। जीआईएस मैपिंग के लिये श्रोत परीक्षण एवं डाटा संग्रहण का कार्य।

2. एन.सी.ई.एफ. के अंतर्गत आई.ए.पी. जिलों में सोलर पंप स्थापना का कार्य:-

अति उग्रवाद से प्रभावित जिलों के बसाहटों में सोलर पंप आधारित नलजल प्रदाय योजना क्रियान्वित की जा रही है। इस योजना के अंतर्गत उच्च जलक्षमता वाले बोरवेल में सोलर उर्जा संचालित सबमर्सिबल पंप, 3 मीटर की उंचाई पर स्थित एचडीपीई/स्टेनलेस स्टील टंकी एवं पाईप लाईन के द्वारा ग्रामीण घरों/आवासों में नल कनेक्शन के माध्यम से पेयजल प्रदाय किया जाना है। विशेष उल्लेखनीय है कि इस योजनांतर्गत बोरवेल में स्थापित हैण्डपंप यथावत कार्यरत् रहता है। योजना की वित्तीय व्यवस्था नेशनल क्लीन एनर्जी फंड से 40 प्रतिशत, एन.आर.डी.डब्ल्यू.पी. (केन्द्रांश) से 30 प्रतिशत एवं राज्यांश से 30 प्रतिशत के अनुपात में की जा रही है।

3. एम.एन.आर.ई. के अंतर्गत सोलर पंप स्थापना का कार्य:-

भारत सरकार पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय द्वारा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के सहयोग से छ.ग. राज्य हेतु 2000 ग्रामीण बसाहटों में सोलर ड्यूअल पंप की स्थापना का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।